आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ठंडी"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ठंडी"
ग़ज़ल
नर्म फ़ज़ा की करवटें दिल को दुखा के रह गईं
ठंडी हवाएँ भी तिरी याद दिला के रह गईं
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
गर्म आँसू और ठंडी आहें मन में क्या क्या मौसम हैं
इस बगिया के भेद न खोलो सैर करो ख़ामोश रहो
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
घिरा बादल ख़मोशी से ख़िज़ाँ-आसार बाग़ों पर
हिले ठंडी हवाओं में शजर आहिस्ता आहिस्ता
मुनीर नियाज़ी
ग़ज़ल
दिल में आग लगा जाता है ये बिन यार बहार का मौसम
एक तपिश भी होती है इस ठंडी सी फुवार के पीछे
क़तील शिफ़ाई
ग़ज़ल
कभी सर्द आहों के सिलसिले कभी ठंडी साँसों के मश्ग़ले
वो हमारी नक़लें उतारना तुम्हें याद हो कि न याद हो
फ़ना निज़ामी कानपुरी
ग़ज़ल
मैं भला ठंडी हवा से क्या उलझता चुप रहा
फूल की ख़ुश-बू बहुत थी सरगिरानी के लिए