आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "तक़ाज़ा-ए-तबीअत"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "तक़ाज़ा-ए-तबीअत"
ग़ज़ल
शख़्सियत का ये तवाज़ुन तेरा हिस्सा है 'फ़ज़ा'
जितनी सादा है तबीअ'त उतना ही तीखा हुनर
फ़ज़ा इब्न-ए-फ़ैज़ी
ग़ज़ल
कोई नाज़ुक-बदन मिलता है जब अज़-राह-ए-बेगाना
तबीअत भीग जाती है तो उन की याद आती है
अशहद बिलाल इब्न-ए-चमन
ग़ज़ल
ये वक़्त का है तक़ाज़ा कि है फ़रेब-ए-नज़र
कि बेटा बाप के क़द से बड़ा दिखाई दे
बद्र-ए-आलम ख़ाँ आज़मी
ग़ज़ल
तक़ाज़ा-ए-दिल-ओ-जाँ का कहीं दरमाँ नहीं मिलता
दयार-ए-दर्द में तस्कीन का सामाँ नहीं मिलता