aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "तन-मन"
प्यार भरा जब तन-मन मेंफूल खिले तब आँगन में
पग पग फूल खिले थे लेकिन तन-मन में थी आगवो तो साथ नहीं था लेकिन साथ थे इस के भाग
चाहे तन मन सब जल जाएसोज़-ए-दरूँ पर आँच न आए
अब इस से पहले कि तन मन लहू लहू हो जाएलहू से क़बल-ए-शहादत चलो वज़ू हो जाए
आग बुझाओ तन-मन कीऐसा मेंह बरसाओ अब
हिज्र की अंधी बहरी रातेंतन-मन प्यासा भीगी रातें
इक तपता सोना तन-मन काइक चढ़ता दरिया जोबन का
याद का मौसम धीरे धीरेतन-मन में रस घोल गया है
आग लगी है तन-मन मेंअब तो ऐसे घर से निकल
वही जिस का तन-मन छाई सातुझे चाँद लगे वही छोरी सजन
मुझ से पहचान तेरी क़ाएम हैमैं तुम्हें चाहता हूँ तन-मन से
जिस पे तन-मन लुटा दिया हम नेदोस्ती में वो बेवफ़ा निकला
तुझे हालात से क्यों उलझन हैतुझ पे क़ुर्बान मिरा तन-मन है
फिर मिरा दिल दुखा गई बारिशआ के तन-मन जला गई बारिश
रुक जाना तुम मैं आऊँगा शाम ढलेअपना तन-मन बिखराऊँगा शाम ढले
क्या झोंका था चमक गया तन मन सारापता न था फिर राख था होने वाला मैं
सुलग रहा है किसी का फ़िराक़ तन-मन मेंइधर न आओ बहारो ज़रा ख़याल करो
आँखें निस-दिन नीर बहाती रहती हैंआग लगी है कैसी मेरे तन-मन में
बातिन की हरारत से फुंके जाते हैं तन-मनपुर्वाई भी चलती है बरसती है घटा भी
नयन सूँ नयन लाख मोही हूँ पिव परकि तन मन अपस उस के अंग पर थे वारी
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books