आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ताड़"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ताड़"
ग़ज़ल
निगाहें ताड़ लेती हैं मोहब्बत की अदाओं को
छुपाने से ज़माने भर की शोहरत और होती है
वामिक़ जौनपुरी
ग़ज़ल
हम ने अव्वल ही कहा था तू करेगा हम को क़त्ल
तेवरों का ताड़ जाना कोई हम से सीख जाए
शेख़ इब्राहीम ज़ौक़
ग़ज़ल
तुम समझ लो सोच लो तुम ताड़ लो पहचान लो
बात अपने दिल की मैं अपनी ज़बाँ से क्यूँ कहूँ
बेख़ुद देहलवी
ग़ज़ल
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
किनाया और ढब का इस मिरी मज्लिस में कम कीजे
अजी सब ताड़ जावेंगे न ऐसा तो सितम कीजे