आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दरख़्वास्त"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "दरख़्वास्त"
ग़ज़ल
मैं सवाल-ए-वस्ल कर के उस अदा पर मिट गया
हँस के फ़रमाया कि ये दरख़्वास्त ना-मंज़ूर है
रसा रामपुरी
ग़ज़ल
मेरी दरख़्वास्त तकल्लुफ़ की निशानी से है
या'नी हर बात तिरी आँख के पानी से है
प्रशान्त मिश्रा मन
ग़ज़ल
मेरी दरख़्वास्त तकल्लुफ़ की निशानी से है
या'नी हर बात तिरी आँख के पानी से है