aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "दर-ओ-दीवार"
खिड़कियाँ सूनी दर-ओ-दीवार चुपसारी गलियाँ और भरे बाज़ार चुप
दर-ओ-दीवार सब औंधे गिरेंगेपुराने घर हमें रोते रहेंगे
चीख़ते हैं दर-ओ-दीवार नहीं होता मैंआँख खुलने पे भी बेदार नहीं होता मैं
अपनी नज़रें दर-ओ-दीवार पर अक्सर रखनाअजनबी घर में क़दम सोच-समझ कर रखना
दर-ओ-दीवार पे शक्लें सी बनाने आईफिर ये बारिश मेरी तन्हाई चुराने आई
दर-ओ-दीवार पर साया पड़ा हैहवाओं में नमी का ज़ाइक़ा है
दर-ओ-दीवार ख़ुद-कुशी कर लेंहम जो नाचार ख़ुद-कुशी कर लें
उगा सब्ज़ा दर-ओ-दीवार पर आहिस्ता आहिस्ताहुआ ख़ाली सदाओं से नगर आहिस्ता आहिस्ता
दर-ओ-दीवार से जारी लहू हैतिरी तस्वीर का दुख सुरख़-रू है
दर-ओ-दीवार भी देते हैं हवाला मेराकैसे मुमकिन हुआ इस शहर में चर्चा मेरा
हालात के कोहना दर-ओ-दीवार से निकलेंदुनिया को बदलना है तो घर-बार से निकलें
फिर से लहू लहू दर-ओ-दीवार देख लेजो भी दिखाए वक़्त वो नाचार देख ले
हम-कलामी में दर-ओ-दीवार सेकितने जज़्बे रह गए इज़हार से
सर को बचाते या दर-ओ-दीवार बेचतेसर की हिफ़ाज़तों में क्या दस्तार बेचते
दर-ओ-दीवार का बदला हुआ हुलिया लिखेंइस हवेली का कोई दूसरा नक़्शा लिखें
उग रहा है दर-ओ-दीवार पे सब्ज़ा 'ग़ालिब'हम बयाबाँ में हैं और घर में बहार आई है
दर-ओ-दीवार से डर लग रहा थातिरा घर भी मिरा घर लग रहा था
शब-ए-तारीक चुप थी दर-ओ-दीवार चुप थेनुमूद-ए-सुब्ह-ए-नौ के सभी आसार चुप थे
ज़लज़ले का ख़ौफ़ तारी है दर-ओ-दीवार परजबकि मैं बैठा हुआ हूँ काँपते मीनार पर
इन दर-ओ-दीवार की आँखों से पट्टी खोल करडूबते सूरज का मंज़र देख खिड़की खोल कर
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