आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दायरा"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "दायरा"
ग़ज़ल
शहद-शिकन होंटों की लर्ज़िश 'इशरत बाक़ी का गहवारा
दायरा-ए-इम्कान-ए-तमन्ना नर्म लचकती बाँहों के ख़म
हफ़ीज़ होशियारपुरी
ग़ज़ल
न क़रीब आ न तो दूर जा ये जो फ़ासला है ये ठीक है
न गुज़र हदों से न हद बता यही दायरा है ये ठीक है
भवेश दिलशाद
ग़ज़ल
ये जो रौशनी का है दायरा ये रहीन-ए-शमस-ओ-क़मर नहीं
तिरे बस में कब था कि अब रहे तू उरूज रख या ज़वाल रख