आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "दुनिया-ए-फ़ानी"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "दुनिया-ए-फ़ानी"
ग़ज़ल
सुकून-ए-क़ल्ब की दौलत कहाँ दुनिया-ए-फ़ानी में
बस इक ग़फ़्लत सी हो जाती है और वो भी जवानी में
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
शिकायत बेवफ़ाई की न कर दुनिया-ए-फ़ानी में
वफ़ा का नाम बाक़ी है फ़क़त क़िस्से कहानी में
अब्बास अली ख़ान बेखुद
ग़ज़ल
उन का ग़म उन की मोहब्बत ग़ैर-फ़ानी ही सही
रिश्ता-ए-दुनिया-ए-फ़ानी देखिए कब तक रहे
शादाँ बदायूनी
ग़ज़ल
क़ब्र-ए-'फ़ानी' पर मैं वो बरचीदा-दामन ऐ नसीम
मुंतशिर कर ख़ाक लेकिन उन का दामाँ देख कर
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
इस हस्ती-ए-फ़ानी से कर क़त-ए-नज़र 'फ़ानी'
तू दोस्त का तालिब है दुश्मन से जुदा हो जा
फ़ानी बदायुनी
ग़ज़ल
ये 'फ़ानी' दिल की सुनता है तभी गुमनाम है अब तक
अगर ये ज़ेहन की सुनता बहुत मशहूर हो जाता