आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "फुल-झड़ियाँ"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "फुल-झड़ियाँ"
ग़ज़ल
काले कोसों दूर से आख़िर लाए भी तो फुल-झड़ियाँ
हीरे भी तो मिल सके थे सोच की गहरी कानों से
सरफ़राज़ आमिर
ग़ज़ल
ये अब की शब-बरात ऐ यार तुझ बिन हम पे यूँ गुज़री
हवाई तो हमारी आह थी और अश्क फुल-झड़ियाँ