आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "बे-लगाम"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "बे-लगाम"
ग़ज़ल
दश्त-ए-हवस में दौड़ते फिरने से काम था
ख़्वाहिश का अस्प-ए-तेज़ भी क्या बे-लगाम था
फ़िदा-उल-मुस्तफ़ा फिदवी
ग़ज़ल
मुझे ये हक़ भी नहीं है कि हक़ की बात कहूँ
ज़बाँ 'अदू की मिरे बे-लगाम आज भी है