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ग़ज़ल
अँधेरों में भटकना है परेशानी में रहना है
मैं जुगनू हूँ मुझे इक शब की वीरानी में रहना है
ख़ुशबीर सिंह शाद
ग़ज़ल
ज़िक्र मिरा और तेरे लब पर याद मिरी और तेरे दिल में
झूटी आस दिलाने वाले आग न भड़का मेरे दिल में