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ग़ज़ल
मीठी मीठी छेड़ कर बातें निराली प्यार की
ज़िक्र दुश्मन का वो बातों में उड़ाना याद है
हसरत मोहानी
ग़ज़ल
मुज़्तर ख़ैराबादी
ग़ज़ल
बस एक मोती सी छब दिखा कर बस एक मीठी सी धुन सुना कर
सितारा-ए-शाम बन के आया ब-रंग-ए-ख़्वाब-ए-सहर गया वो
नासिर काज़मी
ग़ज़ल
मुँह देखे की मीठी बातें सुनते इतनी उम्र हुई
आँख से ओझल होते होते जी से हमें बिसारोगे
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
सिर्फ़ लफ़्ज़ों को नहीं अंदाज़ भी अच्छा रखो
इस जगत में सिर्फ़ मीठी बोलियाँ रह जाएँगी
आदर्श दुबे
ग़ज़ल
'हसन' रातों को जब सब लोग मीठी नींद सोते हैं
तो इक ख़्वाब-आश्ना चेहरा हमें बेदार करता है
हसन रिज़वी
ग़ज़ल
शिव तो नहीं हम फिर भी हम ने दुनिया भर के ज़हर पिए
इतनी कड़वाहट है मुँह में कैसे मीठी बात करें
अज़ीज़ बानो दाराब वफ़ा
ग़ज़ल
मीठी मीठी बातें करना हम से भी तो आती हैं
लेकिन आप का दिल बहलाएँ ऐसी कोई बात नहीं