आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मुस्कुराहट"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "मुस्कुराहट"
ग़ज़ल
मुबारक सिद्दीक़ी
ग़ज़ल
वो जैसे सर्दियों में गर्म कपड़े दे फ़क़ीरों को
लबों पे मुस्कुराहट थी मगर कैसी हिक़ारत सी
बशीर बद्र
ग़ज़ल
नमी सी आँख में और होंट भी भीगे हुए से हैं
ये भीगा-पन ही देखो मुस्कुराहट होती जाती है
मीना कुमारी नाज़
ग़ज़ल
उधर है जाम हाथों में लबों पे मुस्कुराहट है
उधर जब ख़ूँ की बारिश है किसी से कुछ नहीं बोलें
अज़हर हाश्मी सबक़त
ग़ज़ल
जहाँ कल हर क़दम पर मुस्कुराहट रक़्स करती थी
मैं ख़ुश हूँ आज भी वो रौनक़-ए-बाज़ार ज़िंदा है
इरुम ज़ेहरा
ग़ज़ल
ज़मीं अश्कों से दिल की भीगती है तब कहीं जा कर
लबों पे मुस्कुराहट का बसंती फूल खिलता है
संदीप ठाकुर
ग़ज़ल
तुम्हारी मुस्कुराहट के लिए जीना ज़रूरी है
वगर्ना ये जहाँ तो जीने के क़ाबिल नहीं लगता
राज़ देहलवी
ग़ज़ल
लब पे सुर्ख़ी की जगह जो मुस्कुराहट मल रहे हैं
हसरतों का बोझ शानों पर उठा कर चल रहे हैं