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ग़ज़ल
तुम अपना रंज-ओ-ग़म अपनी परेशानी मुझे दे दो
तुम्हें ग़म की क़सम इस दिल की वीरानी मुझे दे दो
साहिर लुधियानवी
ग़ज़ल
मेहनत-ओ-दर्द-ओ-रंज-ओ-ग़म और अलम ये रात दिन
करते हैं मुझ को ख़्वार-ओ-ज़ार एक दो तीन चार पाँच
फ्रांस गॉड्लिब क्वीन फ़्रेस्को
ग़ज़ल
रंज-ओ-ग़म-ओ-फ़िराक़ में जो मुब्तला नहीं
दुनिया में उस की ज़ीस्त का कुछ भी मज़ा नहीं
अज़ीज़ुर रहमान अज़ीज़ पानी पती
ग़ज़ल
आलाम-ओ-रंज-ओ-ग़म की तभी लब-कुशाई थी
जब साहिलों पे अश्कों ने बस्ती बसाई थी
सैयद जॉन अब्बास काज़मी
ग़ज़ल
ढूँडता सुकूँ मैं था पाया रंज-ओ-ग़म उल्टा
मंज़िलों की ख़्वाहिश में रख दिया क़दम उल्टा
रासिख़ शाहिद
ग़ज़ल
मिटेंगे मेरे दिल से रंज-ओ-ग़म आहिस्ता-आहिस्ता
क़रार आएगा तुझ को चश्म-ए-नम आहिस्ता-आहिस्ता