aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "रख-रखाव"
न रख-रखाव सजावट न दिलरुबाई हैये किस तरह की हवा-ए-ग़ज़ल-सराई है
रख-रखाव में कोई ख़्वार नहीं होता यारदोस्त होते हैं, हर इक यार नहीं होता यार
नहीं है रास ज़माने का रख-रखाव मुझेमैं इक चटाई हूँ महलों में मत बिछाओ मुझे
कहने को रख-रखाव तिरा बे-मिसाल हैलेकिन ये रख-रखाव ही ख़ुद में सवाल है
ये कौन इस दर्जा आतिशीं रख-रखाव में हैये किस का चेहरा है जो दहकते अलाव में है
यूँही रोज़ मिलने की आरज़ू बड़ी रख-रखाव की गुफ़्तुगूये शराफ़तें नहीं बे-ग़रज़ इसे आप से कोई काम है
बिखरी बिखरी थी शख़्सियत मेरीतुम मिले रख-रखाव में आया
ये तिरा रख-रखाव ये बिखरनलोग करने लगे पसंद तुझे
लोग सस्ता समझने लगते हैंमिलना पड़ता है रख-रखाव से
तहज़ीब-ए-रख-रखाव और आदाब-ए-ज़िंदगीनस्लों पे जैसे बार है आओ दुआ करें
देख मुझ को तबाह कर गया हैयही अंदाज़ रख-रखाव का
रख-रखाव ख़ानदानी और हैहो कुआँ गहरा तो पानी और है
दिन को ये रख-रखाव वाली शक्लशब को दीवानगी से मिलती है
क्या हमें भी मुआ'फ़ कर देगारख-रखाव तो जानता है वो
एक तहज़ीब था बदन उस काउस पे इक रख-रखाव आँखें थीं
तुम्हारी दिल से वही खेलने की आदत हैहमारा अपना वही रख-रखाव ज़िंदा है
आज भी वो उसी सुभाव का हैवही अंदाज़ रख-रखाव का है
मुँह पे इंकार कर दिया उस नेअब कहाँ रख-रखाव होता है
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