आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "राधा"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "राधा"
ग़ज़ल
चिड़ियों की चहकार में गूँजे राधा मोहन अली अली
मुर्ग़े की आवाज़ से बजती घर की कुंडी जैसी माँ
निदा फ़ाज़ली
ग़ज़ल
तन की दौलत मन की दौलत सब ख़्वाबों की बातें हैं
नौ मन तेल न हो तो घर में राधा को नचवाये कौन
किश्वर नाहीद
ग़ज़ल
इश्क़ का पहिया घूमेगा लेकिन इस बार कहानी में
राधा गोकुल से और मोहन बरसाने से निकलेगा
सिद्धार्थ साज़
ग़ज़ल
कान्हा होंगे लोग वहाँ के राधा होंगी बालाएँ
प्यार की बंसी बजती होगी हर समय हर ठाओं रे
ग़ौस सीवानी
ग़ज़ल
विरह के चार दिन में 'रीत' तो मर ही गई जैसे
तो जीवन भर विरह राधा ने फिर कैसे सहा होगा