आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "लीजो"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "लीजो"
ग़ज़ल
कैफ़िय्यत-ए-चश्म उस की मुझे याद है 'सौदा'
साग़र को मिरे हाथ से लीजो कि चला मैं
मोहम्मद रफ़ी सौदा
ग़ज़ल
है दम ग़नीमत ऐ 'नज़ीर' अब मय-कदे में बैठ कर
तू आज तो मय पी मियाँ फिर देख लीजो कल की कल
नज़ीर अकबराबादी
ग़ज़ल
ज़ो'म ख़ुद पर हो तो इस बात से इबरत लीजो
नीस्त-ओ-नाबूद हुआ बाग़-ए-इरम काहे को
मुस्कान सय्यद रियाज़
ग़ज़ल
'ग़ज़ंफ़र' उस से तू कर लीजो अर्ज़-ए-हाल अपना
अभी न बोल कि ग़ुस्से में है वो ताव पे है