आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "सब्ज़-रंग"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "सब्ज़-रंग"
ग़ज़ल
निहाल सब्ज़ रंग में जमाल जिस का है 'मुनीर'
किसी क़दीम ख़्वाब के मुहाल में मिला मुझे
मुनीर नियाज़ी
ग़ज़ल
मैं लोट हो गया हूँ ख़त-ए-सब्ज़-रंग पर
ख़ार-ए-चमन से दामन-ए-दिल पे अटक गया
मिर्ज़ा मासिता बेग मुंतही
ग़ज़ल
सब्ज़ा रंगों का ये है ख़ाक मुक़र्रर 'नासिख़'
सब्ज़ रंग इस लिए आता है नज़र काई का
इमाम बख़्श नासिख़
ग़ज़ल
धानी जोड़े ने तिरे खेत रखा है मुझ को
सब्ज़ रंग इतने तो देखे नहीं हैं धान कहीं
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
ऐ सब्ज़-रंग मस्त-ए-मय-ए-इश्क़-ओ-हुस्न तो
अफ़यूँ को पूछते नहीं क्या ज़िक्र भंग का