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ग़ज़ल
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है
निदा फ़ाज़ली
ग़ज़ल
दीप्ति मिश्रा
ग़ज़ल
शौक़ से सोइए सर रख के मिरे ज़ानू पर
उस को मत समझिए कुछ ख़ौफ़-ओ-ख़तर का तकिया