आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "सवाली"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "सवाली"
ग़ज़ल
अतहर नफ़ीस
ग़ज़ल
फ़क़ीरी में भी मुझ को माँगने से शर्म आती है
सवाली हो के मुझ से हाथ फैलाया नहीं जाता
मख़मूर देहलवी
ग़ज़ल
पुरनम इलाहाबादी
ग़ज़ल
बीते लम्हे ध्यान में आ कर मुझ से सवाली होते हैं
तू ने किस बंजर मिट्टी में मन का अमृत डोल दिया
शकेब जलाली
ग़ज़ल
शहज़ादे तलवार थमा दे अब दरबान के हाथों में
कह दे ख़ाली हाथ न जाए अब के बार सवाली का