आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "हाशिया-बरदार"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "हाशिया-बरदार"
ग़ज़ल
'आरिफ़' से हक़-परस्त भी सब जाँ के ख़ौफ़ से
उन क़ातिलों के हाशिया-बरदार हो गए
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "हाशिया-बरदार"
'आरिफ़' से हक़-परस्त भी सब जाँ के ख़ौफ़ से
उन क़ातिलों के हाशिया-बरदार हो गए