आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".nko"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम ".nko"
ग़ज़ल
दुनिया के नेक-ओ-बद से काम हम को 'नियाज़' कुछ नहीं
आप से जो गुज़र गया फिर उसे क्या जो हो सो हो
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
ग़ज़ल
हवस होगी असीर-ए-हल्क़ा-ए-नेक-ओ-बद-ए-आलम
मोहब्बत मावरा-ए-फ़िक्र-ए-नंग-ओ-नाम है साक़ी
साहिर लुधियानवी
ग़ज़ल
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
इन्हीं आँखों से तू ने नेक-ओ-बद आलम का देखा है
इधर तो देख ऐ सारी ख़ुदाई देखने वाले
बेख़ुद देहलवी
ग़ज़ल
दख़्ल क्या राह-ए-मोहब्बत में निको-नामी को
आया इस कूचे में जो उन ने सुना क्या क्या कुछ
मोहम्मद रफ़ी सौदा
ग़ज़ल
हिसाब-ए-नेक-ओ-बाद जो भी हो हम इतना समझते हैं
बिना-ए-हश्र दर्द-ए-दिल पे चश्म-ए-तर पे रक्खी है
अब्दुल अहद साज़
ग़ज़ल
उश्शाक़-ओ-बुल-हवस में नहीं करते वो तमीज़
वाँ इम्तियाज़-ए-नेक-ओ-बद असला नहीं रहा