आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".pedy"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम ".pedy"
ग़ज़ल
ये ख़िज़ाँ की ज़र्द सी शाल में जो उदास पेड़ के पास है
ये तुम्हारे घर की बहार है उसे आँसुओं से हरा करो
बशीर बद्र
ग़ज़ल
एक ये दिन जब अपनों ने भी हम से नाता तोड़ लिया
एक वो दिन जब पेड़ की शाख़ें बोझ हमारा सहती थीं