आपकी खोज से संबंधित
परिणाम ".umyt"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम ".umyt"
ग़ज़ल
मयस्सर आ चुकी है सर-बुलंदी मुड़ के क्यूँ देखें
इमामत मिल गई हम को तो उम्मत छोड़ दी हम ने
शहज़ाद अहमद
ग़ज़ल
उस की उम्मत में हूँ मैं मेरे रहें क्यूँ काम बंद
वास्ते जिस शह के 'ग़ालिब' गुम्बद-ए-बे-दर खुला
मिर्ज़ा ग़ालिब
ग़ज़ल
अपने हिस्से की अना दूँ तो अना दूँ किस को
अपनी नज़रों से गिरा दूँ तो गिरा दूँ किस को