आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "Daaliyaa.n"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "Daaliyaa.n"
ग़ज़ल
दरख़्तों को भी शायद हिजरतों के रंग चखने हैं
टहलती डालियाँ कहती हैं पेड़ों की परेशानी
उवैस गिराच
ग़ज़ल
बदन पर इस-क़दर बारिश मिरे होती है बोसों की
कि जब बाँहें तिरी मुझ पर खुली हों डालियाँ बन कर
अब्दुल मन्नान समदी
ग़ज़ल
वो घटाएँ छाईं जो कालियाँ जो हरी-भरी हुईं डालियाँ
उभर आईं फूलों की लालियाँ तो बजाए आब-ए-शहाब है
इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
ग़ज़ल
हाकिम-ए-दिल बन गई हैं ये थियेटर वालियाँ
मैं लगाऊँगा गुल-ए-दाग़-ए-जिगर की डालियाँ
अकबर इलाहाबादी
ग़ज़ल
यूँ तो सब मिस्री की डलियाँ हैं मगर 'ऐश' सुना
दिल-पसंद अपने हैं इक 'मीर' के अश’आर फ़क़त
हकीम आग़ा जान ऐश
ग़ज़ल
देखें क्या उन की लचक उस सा'अद-ए-नाज़ुक बग़ैर
खींचती हैं क्यूँ हमें काँटों में गुल की डालियाँ
जुरअत क़लंदर बख़्श
ग़ज़ल
गुलों के पर्दे में शक्लें हैं मह-जबीनों की
ये डालियाँ हैं कि हैं डोलियाँ हसीनों की
रियाज़ ख़ैराबादी
ग़ज़ल
अतीक़ अंज़र
ग़ज़ल
साहिब-ए-नेमत इस तरह रहते हैं सब से सुर्ख़-रू
सू-ए-ज़मीं झुकी रहें मेवे की जैसे डालियाँ
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
बाद-ए-आज़ादी में हम सब नाचने वालों के साथ
फूल पहने रक़्स करती डालियाँ शामिल हुईं