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ग़ज़ल
मैं जानता हूँ कौन हूँ मैं और क्या हूँ मैं
दुनिया समझ रही है कि इक पारसा हूँ मैं
अब्दुल रहमान ख़ान वस्फ़ी बहराईची
ग़ज़ल
आख़िरश कौन हुआ नाला-कुनाँ आख़िर-ए-शब
चीख़ उठा दर्द से हर पीर-ओ-जवाँ आख़िर-ए-शब
नियाज़ सुल्तानपुरी
ग़ज़ल
'बाक़र' मुझे कुछ दाद-ए-सुख़न की नहीं पर्वा
मैं शहर-ए-ख़मोशाँ में हूँ और नग़्मा-सरा हूँ
सज्जाद बाक़र रिज़वी
ग़ज़ल
मेरा सवाल था कि मैं कौन हूँ और जवाब में
मुझ को हँसा दिया गया मुझ को रुला दिया गया
मीर अहमद नवेद
ग़ज़ल
मैं कुल हूँ और तू जुज़ में भी कुल है ऐ 'मंज़ूर'
बिछड़ते वक़्त मुझे ये ख़िताब दे के गया
हकीम मंज़ूर
ग़ज़ल
चुप के सहरा में फ़क़त एक सदा कौन हूँ मैं
ऐ ख़ुदा तू ही बता मुझ को ज़रा कौन हूँ मैं