आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ToTe"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ToTe"
ग़ज़ल
जो शब्द उड़ानें भरते थे आज़ाद फ़ज़ा-ए-मअ'नी में
यूँ शेर की बंदिश में सिमटे गोया पिंजरों के तोते थे
अब्दुल अहद साज़
ग़ज़ल
यूँ असर-अंदाज़ अकेले-पन का दुख हम पे हुआ
तोते के पिंजरे को आँगन में खुला छोड़ आए हैं
नियाज़ जयराजपुरी
ग़ज़ल
हमारे पालतू तोते को बिल्ली कर गई ज़ख़्मी
मिरे बच्चों की इस ग़म ने शरारत रोक रक्खी है
नाज़िम अशरफ़
ग़ज़ल
सुन के तोते की सदा भी मुंतज़िर उन के हुए
देखिए किस किस की अब बातों में हम आने लगे