आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "aakhiri dawat khalid javed ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "aakhiri dawat khalid javed ebooks"
ग़ज़ल
बे-वफ़ाओं को वफ़ाओं का ख़ुदा हम ने कहा
क्या हमें कहना था ऐ दिल और क्या हम ने कहा
राजेन्द्र नाथ रहबर
ग़ज़ल
फ़ुर्सत-ए-आगही भी दी लज़्ज़त-ए-बे-ख़ुदी भी दी
मौत के साथ साथ ही आप ने आगही भी दी
माहिर-उल क़ादरी
ग़ज़ल
उस दरबार में लाज़िम था अपने सर को ख़म करते
वर्ना कम-अज़-कम अपनी आवाज़ ही मद्धम करते
हैदर क़ुरैशी
ग़ज़ल
आप में क्यूँकर रहे कोई ये सामाँ देख कर
शम-ए-इस्मत को भरी महफ़िल में उर्यां देख कर
यगाना चंगेज़ी
ग़ज़ल
हम ज़ीस्त 'ऐन-ए-मर्ज़ी-ए-यज़्दाँ न कर सके
बख़्शिश का अपनी कोई भी सामाँ न कर सके
राणा ख़ालिद महमूद कैसर
ग़ज़ल
ये मुश्त-ए-ख़ाक अपने को जहाँ चाहे तहाँ ले जा
पर इस 'आलम को इस 'आलम से मत बार-ए-गराँ ले जा
क़ासिम अली ख़ान अफ़रीदी
ग़ज़ल
जफ़ाएँ होती हैं घुटता है दम ऐसा भी होता है
मगर हम पर जो है तेरा सितम ऐसा भी होता है
इम्दाद इमाम असर
ग़ज़ल
फ़लक ये जौर-ओ-सितम मुझ से ना-तवाँ के लिए
मैं ही था क्या तिरे ज़ुल्मों के इम्तिहाँ के लिए
हकीम आग़ा जान ऐश
ग़ज़ल
तासीर जज़्ब मस्तों की हर हर ग़ज़ल में है
ए'जाज़ बड़ में है तो करामत ज़टल में है