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ग़ज़ल
जाने वो कौन था और किस को सदा देता था
उस से बिछड़ा है कोई इतना पता देता था
राजेन्द्र मनचंदा बानी
ग़ज़ल
दर्द की चौखट पे आ कर यूँ सदा देता है कौन
रात के पिछले पहर मुझ को जगा देता है कौन