aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
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जब तिरे नैन मुस्कुराते हैंज़ीस्त के रंज भूल जाते हैं
हँस के बोला करो बुलाया करोआप का घर है आया जाया करो
वो जो तेरे फ़क़ीर होते हैंआदमी बे-नज़ीर होते हैं
हल्का हल्का सुरूर है साक़ीबात कोई ज़रूर है साक़ी
गोरियों कालियों ने मार दियाजामुनों वालियों ने मार दिया
मुस्कुरा कर ख़िताब करते होआदतें क्यूँ ख़राब करते हो
देख कर दिल-कशी ज़माने कीआरज़ू है फ़रेब खाने की
साक़ी शराब ला कि तबीअ'त उदास हैमुतरिब रुबाब उठा कि तबीअ'त उदास है
अरे मय-गुसारो सवेरे सवेरेख़राबात के गिर्द फेरे पे फेरे
दिल को दिल से काम रहेगादोनों तरफ़ आराम रहेगा
भूले से कभी ले जो कोई नाम हमारामर जाए ख़ुशी से दिल-ए-नाकाम हमारा
आगही में इक ख़ला मौजूद हैइस का मतलब है ख़ुदा मौजूद है
शब की बेदारियाँ नहीं अच्छीइतनी मय-ख़्वारियाँ नहीं अच्छी
ज़ख़्म दिल के अगर सिए होतेअहल-ए-दिल किस तरह जिए होते
वो बातें तिरी वो फ़साने तिरेशगुफ़्ता शगुफ़्ता बहाने तिरे
रक़्स करता हूँ जाम पीता हूँआम मिलती है आम पीता हूँ
एक ना-मक़बूल क़ुर्बानी हूँ मैंसर-फिरी उल्फ़त में ला-सानी हूँ मैं
सितारों के आगे जो आबादियाँ हैंतिरी ज़ुल्फ़ की गुम-शुदा वादियाँ हैं
ख़ाली है अभी जाम मैं कुछ सोच रहा हूँऐ गर्दिश-ए-अय्याम मैं कुछ सोच रहा हूँ
ज़ुल्फ़-ए-बरहम सँभाल कर चलिएरास्ता देख-भाल कर चलिए
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