aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "an-ginat"
अन-गिनत फूल इंतिख़ाब गुलाबआदतें कर गया ख़राब गुलाब
अन-गिनत शादाब जिस्मों की जवानी पी गयावो समुंदर कितने दरियाओं का पानी पी गया
अन-गिनत हैं यहाँ मेहरबाँ देखिएकौन देगा मगर अपनी जाँ देखिए
अन-गिनत अज़ाब हैं रतजगों के दरमियाँदर्द बे-हिसाब हैं रतजगों के दरमियाँ
अन-गिनत सदियों पे फैली हुई तेरी दुनियाऔर मैं तुझ से बस इक लम्हा तलब करता हूँ
अन-गिनत पेड़ थे पेड़ों पे झुका था बादलमेरे बचपन में यहाँ पर था घना सा जंगल
हफ़्त-इक़्लीम के ख़ज़ानों परहाथ डालेंगे अन-गिनत क़ल्लाश
धीमे धीमे पता चला 'जावेद'अन-गिनत ख़ूबियाँ हैं दिल्ली में
अन-गिनत रंग थे निगाहों मेंकोई तस्वीर तो बनी होती
दाग़ ज़ख़्मों के अन-गिनत होंगेआबलों का शुमार मत करते
इक रूप के नाम अन-गिनत हैंबिजली बरसात चाँदनी धूप
यूँ तो क़ातिल हैं अन-गिनत 'राहील'आश्ना कोई कोई होता है
अन-गिनत महफ़िलें महरूम-ए-चराग़ाँ हैं अभीकौन कहता है कि ज़ुल्मात ने दम तोड़ दिया
हमराह थे अन-गिनत ज़मानेमैं दश्त से अपने घर गया था
एक चेहरे पे बशारत न मिलीअन-गिनत चेहरों को पढ़ कर आए
अन-गिनत यादें मेरे हमराह थींहम ही 'ज़र्रीं' दरमियाँ में खो गए
घेरे हैं अन-गिनत हसीन यादेंतन्हाई मुझ से छीन ली है मेरी
है आलम एक जैसा हर ख़ुशी काअलम की अन-गिनत पहनाइयाँ हैं
ज़ख़्म-ख़ुर्दा लम्हों को मस्लहत सँभाले हैअन-गिनत मरीज़ों में एक चारागर तन्हा
हो गई दूर अन-गिनत वीराँ गुज़रगाहों की कोफ़्तएक बस्ती से गुज़रने में वो आसानी हुई
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