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ग़ज़ल
बात अपने दिल की वो मुझ को बताता क्यों नहीं
प्यार गर करता है मुझ से तो जताता क्यों नहीं
अनंत शहरग
ग़ज़ल
अनंत गुप्ता
ग़ज़ल
एक ही माँ की सब औलादें मानो झगड़ा करती हैं
शहर-ए-दिल की गलियों में जब यादें खेला करती हैं