आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ba-zom-e-tark-e-mohabbat"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ba-zom-e-tark-e-mohabbat"
ग़ज़ल
मैं पस-ए-तर्क-ए-मोहब्बत किसी मुश्किल में नहीं
दिल भी पहलू में नहीं दर्द भी अब दिल में नहीं
नूह नारवी
ग़ज़ल
शमीम जयपुरी
ग़ज़ल
तर्क-ए-मोहब्बत अपनी ख़ता हो ऐसा भी हो सकता है
वो अब भी पाबंद-ए-वफ़ा हो ऐसा भी हो सकता है
मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद
ग़ज़ल
ये अहद-ए-तर्क-ए-मोहब्बत है किस लिए आख़िर
सुकून-ए-क़ल्ब उधर भी नहीं इधर भी नहीं
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
ख़याल-ए-तर्क-ए-मोहब्बत दुरुस्त 'फ़ैज़' मगर
मैं पूछता हूँ ये इम्कान आँ-जनाब में है