आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "badappan"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "badappan"
ग़ज़ल
हयात-ए-इश्क़ का इक इक नफ़स जाम-ए-शहादत है
वो जान-ए-नाज़-बरदाराँ कोई आसान लेते हैं
फ़िराक़ गोरखपुरी
ग़ज़ल
मुझ को यक़ीं है सच कहती थीं जो भी अम्मी कहती थीं
जब मेरे बचपन के दिन थे चाँद में परियाँ रहती थीं
जावेद अख़्तर
ग़ज़ल
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
लिपट जाती है सारे रास्तों की याद बचपन में
जिधर से भी गुज़रता हूँ मैं रस्ता याद रहता है
मुनव्वर राना
ग़ज़ल
दिन-ब-दिन बढ़ती गईं उस हुस्न की रानाइयाँ
पहले गुल फिर गुल-बदन फिर गुल-बदामाँ हो गए