आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bahadur shah ka muqadma ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "bahadur shah ka muqadma ebooks"
ग़ज़ल
देखो इंसाँ ख़ाक का पुतला बना क्या चीज़ है
बोलता है इस में क्या वो बोलता क्या चीज़ है
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
न दरवेशों का ख़िर्क़ा चाहिए ना ताज-ए-शाहाना
मुझे तो होश दे इतना रहूँ मैं तुझ पे दीवाना
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
न उस का भेद यारी से न 'अय्यारी से हाथ आया
ख़ुदा आगाह है दिल की ख़बरदारी से हाथ आया
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
तुफ़्ता-जानों का इलाज ऐ अहल-ए-दानिश और है
इश्क़ की आतिश बला है उस की सोज़िश और है
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
मैं बहादुर-शह-ए-'ज़फ़र' और दर्द का रंगून है
क्या लिखूँ 'ग़ालिब' के नाम और क्या लिखूँ 'हाली' के नाम
हज़ीं लुधियानवी
ग़ज़ल
शाम को सुब्ह की और सुब्ह को है शाम की बात
कैसे नादाँ हैं वो करते ही नहीं काम की बात
ज़ुबैर बहादुर जोश
ग़ज़ल
ख़्वाह कर इंसाफ़ ज़ालिम ख़्वाह कर बेदाद तू
पर जो फ़रियादी हैं उन की सुन तो ले फ़रियाद तू
बहादुर शाह ज़फ़र
ग़ज़ल
पान खा कर सुर्मा की तहरीर फिर खींची तो क्या
जब मिरा ख़ूँ हो चुका शमशीर फिर खींची तो क्या