आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "basaa"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "basaa"
ग़ज़ल
साहिर लुधियानवी
ग़ज़ल
हैं मोहब्बतों की अमानतें यही हिजरतें यही क़ुर्बतें
दिए बाम-ओ-दर किसी और ने तो रहा बसा कोई और है
नसीर तुराबी
ग़ज़ल
शाम हुए ख़ुश-बाश यहाँ के मेरे पास आ जाते हैं
मेरे बुझने का नज़्ज़ारा करने आ जाते होंगे
जौन एलिया
ग़ज़ल
अज़्म बहज़ाद
ग़ज़ल
हम आप की आँखों में इस दिल को बसा दें तो
हम मूँद के पलकों को इस दिल को सज़ा दें तो