आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "be-kaif"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "be-kaif"
ग़ज़ल
कैफ़ मुरादाबादी
ग़ज़ल
साथी हों या असातिज़ा आए किसी को क्या मज़ा
दर्जे में कोई बे-महल 'कैफ़' की ग़ज़लें गाए क्यों
कैफ़ अहमद सिद्दीकी
ग़ज़ल
'कैफ़' कहाँ तक तुम ख़ुद को बे-दाग़ रख्खोगे
अब तो सारी दुनिया के मुँह पर स्याही है
कैफ़ अहमद सिद्दीकी
ग़ज़ल
सरस्वती सरन कैफ़
ग़ज़ल
बे-सबब तो नहीं सहमे हुए ज़र्रों का सुकूत
'कैफ़' ये ख़ाक का तूदा है बिखरने वाला