आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bhaanje"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "bhaanje"
ग़ज़ल
अमीर ख़ुसरो
ग़ज़ल
वो तिरी गली के तेवर, वो नज़र नज़र पे पहरे
वो मिरा किसी बहाने तुझे देखते गुज़रना
पीर नसीरुद्दीन शाह नसीर
ग़ज़ल
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
उमीद-ए-हूर ने सब कुछ सिखा रक्खा है वाइ'ज़ को
ये हज़रत देखने में सीधे-साधे भोले भाले हैं