aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "bhaktii"
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगेजाने कैसे लोग वो होंगे जो उस को भाते होंगे
ज्ञान माना है बड़ा भक्ती भी लेकिन कम नहींआगही अपनी जगह दीवानगी अपनी जगह
देश-भक्ति बे-असर आधे इधर आधे उधरहैं धरम के नाम पर आधे इधर आधे उधर
दिल में भक्ती हो तो हालात सँवर सकते हैंफूल माला किसी देवी पे चढ़ाता क्या है
आप की भक्ती न जब तक हो तो क्या हासिल मुझेक़ैद-ए-दुनिया से अगर हो जाऊँ मैं आज़ाद भी
दर्द हल्का है साँस भारी हैजिए जाने की रस्म जारी है
आईन-ए-जवाँ-मर्दां हक़-गोई ओ बे-बाकीअल्लाह के शेरों को आती नहीं रूबाही
बात मेरी कभी सुनी ही नहींजानते वो बुरी भली ही नहीं
भागी नमाज़-ए-जुमा तो जाती नहीं है कुछचलता हूँ मैं भी टुक तो रहो मैं नशे में हूँ
अश्कों को आरज़ू-ए-रिहाई है रोइएआँखों की अब इसी में भलाई है रोइए
लगती हैं गालियाँ भी तिरे मुँह से क्या भलीक़ुर्बान तेरे फिर मुझे कह ले उसी तरह
जो आग लगाई थी तुम ने उस को तो बुझाया अश्कों नेजो अश्कों ने भड़काई है उस आग को ठंडा कौन करे
अब ये सूरत है जान-ए-जाँ कि तुझेभूलने में मिरी भलाई है
रहनुमाओं की अदाओं पे फ़िदा है दुनियाइस बहकती हुई दुनिया को सँभालो यारो
शाम से आज साँस भारी हैबे-क़रारी सी बे-क़रारी है
शाइरी जैसी हो 'आजिज़' की भली हो कि बुरीआदमी अच्छा है लेकिन बहुत अच्छा भी नहीं
अच्छी भली थी दुनिया गुज़ारे के वास्तेउलझे हुए हैं अपनी ही ख़ुद-आगही से हम
किसी को ज़ख़्म दिए हैं किसी को फूल दिएबुरी हो चाहे भली हो मगर ख़बर में रहो
न नींद और न ख़्वाबों से आँख भरनी हैकि उस से हम ने तुझे देखने की करनी है
हँसती-बस्ती राहों का ख़ुश-बाश मुसाफ़िररोज़ी की भट्टी का ईंधन बन जाता है
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
Online Treasure of Sufi and Sant Poetry
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books