आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "burinda"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "burinda"
ग़ज़ल
वो जो कबूतर उस मूखे में रहते थे किस देस उड़े
एक का नाम नवाज़िंदा था और इक का बाज़िंदा था
जौन एलिया
ग़ज़ल
शर्म से दोहरा हो जाएगा कान पड़ा वो बुंदा भी
बाद-ए-सबा के लहजे में इक बात में ऐसी पूछूँगा
अमजद इस्लाम अमजद
ग़ज़ल
तंग आया हूँ मैं इस हिज्र-ओ-वस्ल की बूँदा-बाँदी से
या तो सूखा पड़ जाए या ढंग की बारिश हो जाए
अहमद अज़ीम
ग़ज़ल
रहज़नों में नाज़-ओ-ग़म्ज़ा की ये जिंस-ए-दीन-ओ-दिल
जूँ मता-ए-बुर्दा आख़िर हम-दिगर बट जाएगी