आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dale"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "dale"
ग़ज़ल
न पूछो मुझ से लज़्ज़त ख़ानमाँ-बर्बाद रहने की
नशेमन सैकड़ों मैं ने बना कर फूँक डाले हैं
अल्लामा इक़बाल
ग़ज़ल
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
ग़ज़ल
सब का तो मुदावा कर डाला अपना ही मुदावा कर न सके
सब के तो गरेबाँ सी डाले अपना ही गरेबाँ भूल गए
असरार-उल-हक़ मजाज़
ग़ज़ल
टुकड़े कर डाले कोई उस के तो मैं भी ख़ुश हूँ
दिल न होगा न मिरी जान मोहब्बत होगी
लाला माधव राम जौहर
ग़ज़ल
'फ़ौज़िया' इस दिल में पिन्हाँ हैं तलातुम-ख़ेज़ियाँ
मार न डाले कहीं जज़्बात की शिद्दत मुझे
फौज़िया मुग़ल
ग़ज़ल
फिर मेरी कमंद उस ने डाले ही तुड़ाई है
वो आहु-ए-रम-ख़ुर्दा फिर राम नहीं होता
मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी
ग़ज़ल
अपनी मर्ज़ी से भी हम ने काम कर डाले हैं कुछ
लफ़्ज़ को लड़वा दिया है बेशतर मअ'नी के साथ
ज़फ़र इक़बाल
ग़ज़ल
ये रूप की दौलत वाले कब सुनते हैं दिल के नाले
तक़दीर न बस में डाले इन के किसी दीवाने को
साहिर लुधियानवी
ग़ज़ल
अपनी तो गुज़री है अक्सर अपनी ही मन-मानी में
लेकिन अच्छे काम भी हम ने कर डाले नादानी में