aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
परिणाम "dam-ba-KHud"
देखिए पहले लहू टपके कि फैलें किर्चियाँदम-ब-ख़ुद तेरी नज़र भी आइना भी दम-ब-ख़ुद
बे-सदा दम-ब-ख़ुद फ़ज़ा से डरख़ुश्क पत्ता है तो हवा से डर
दम-ब-ख़ुद गुलशनों की रानाईकैसी खोई हुई बहार आई
अब दम-ब-ख़ुद हैं नब्ज़ की रफ़्तार देख करतुम हँस रहे हो हालत-ए-बीमार देख कर
दम-ब-ख़ुद बैठ के ख़ुद जैसे ज़बाँ गीली हैसाँस क्या लूँ कि हवा दहर की ज़हरीली है
दम-ब-ख़ुद है चाँदनी चुप-चाप हैं अश्जार भीआज की शब थम गई क्यूँ वक़्त की रफ़्तार भी
सब दम-ब-ख़ुद हैं नब्ज़ की रफ़्तार देख करतुम हँस रहे हो हालत-ए-बीमार देख कर
हैं मलाइक दम-ब-ख़ुदजान कर मेरा ‘उलू
इक लफ़्ज़ जिस के इज्ज़ में इज़हार-ए-दम-ब-ख़ुदइक नाम मेरी आँख का तारा नहीं हुआ
फ़रिश्ते दम-ब-ख़ुद इबलीस हैराँतवक़्क़ो' ये कहाँ थी आदमी से
सितारे दम-ब-ख़ुद हैं चाँद ख़ामोशसुहानी रात रुख़्सत हो रही है
दम-ब-ख़ुद सारी काएनात हुईहम ने वो गीत प्यार के गाए
कोई बतलाए ये क्या वादी हैदम-ब-ख़ुद कोह हजर सोचते हैं
आज दुनिया के सामने ऐ 'राज़'दम-ब-ख़ुद ला-जवाब हैं हम लोग
मस्लहत 'याक़ूब' क्यूँ है दम-ब-ख़ुदराज़ किस की बज़्म का इफ़शा हुआ
आसमाँ वाले भी हैराँ थे मगरदेख कर वो दम-ब-ख़ुद होते रहे
बज़्म-ए-अदब भी दम-ब-ख़ुदकहने को कुछ सुख़न न था
आसमाँ पर है आख़िरी तारादम-ब-ख़ुद है सहर का सन्नाटा
दम-ब-ख़ुद क्यूँ है ख़िज़ाँ की सल्तनतकोई झोंका कोई मौज-ए-ग़म चले
मौज-दर-मौज है तबाही मेंदम-ब-ख़ुद हैं हबाब जितने हैं
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