आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "darmaan"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "darmaan"
ग़ज़ल
कहाँ जाम-ए-ग़म की तल्ख़ी कहाँ ज़िंदगी का दरमाँ
मुझे वो दवा मिली है जो मिरी दवा नहीं है
शकील बदायूनी
ग़ज़ल
आमिर उस्मानी
ग़ज़ल
कभी तो ज़िंदगी ख़ुद भी इलाज-ए-ज़िंदगी करती
अजल करती रहे दरमान-ए-दर्द-ए-ज़िंदगी कब तक
सबा अकबराबादी
ग़ज़ल
दिल के बहलाने का वहशत में ये सामाँ करना
चश्म-ए-ख़ूँ-बार से दामन को गुलिस्ताँ करना
बेदम शाह वारसी
ग़ज़ल
तुम जो चाहो तो मिरे दर्द का दरमाँ हो जाए
वर्ना मुश्किल है कि मुश्किल मिरी आसाँ हो जाए
बेदम शाह वारसी
ग़ज़ल
अगर हद से गुज़र जाए दवा तो बन नहीं जाता
किसी भी दर्द को दुनिया का दरमाँ हम नहीं कहते