आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dastan e tareekh e"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "dastan e tareekh e"
ग़ज़ल
तिश्नगी होगी जहाँ बे-साख़्ता नौहा-कुनाँ
उस जगह हम दास्तान-ए-कर्बला ले जाएँगे
बद्र-ए-आलम ख़ाँ आज़मी
ग़ज़ल
जो नंग-ए-चमन कहते हैं तारीख़ तो देखें
हम रूह-ए-चमन ज़ीनत-ए-गुलज़ार रहे हैं
शान-ए-हैदर बेबाक अमरोहवी
ग़ज़ल
पोशीदा लफ़्ज़ लफ़्ज़ में है दास्तान-ए-कर्ब
'क़ुदसी' किताब-ए-ज़ीस्त का हर बाब देखना
औलाद-ए-रसूल क़ुद्सी
ग़ज़ल
मैं चुप रहूँ तो गोया रंज-ओ-ग़म-ए-निहाँ हूँ
बोलूँ तो सर से पा तक हसरत की दास्ताँ हूँ
परवीन उम्म-ए-मुश्ताक़
ग़ज़ल
दास्तान-ए-गर्दिश-ए-अय्याम लिखता जाऊँगा
मैं मुअर्रिख़ हूँ तिरा अंजाम लिखता जाऊँगा