आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "dhanii"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "dhanii"
ग़ज़ल
जिस दिन वो मिलने आई है उस दिन की रूदाद ये है
उस का बलाउज़ नारंजी था उस की सारी धानी थी
जौन एलिया
ग़ज़ल
गरज-बरस प्यासी धरती पर फिर पानी दे मौला
चिड़ियों को दाने बच्चों को गुड़-धानी दे मौला
निदा फ़ाज़ली
ग़ज़ल
तुम लाख सियाहत के हो धनी इक बात हमारी भी मानो
कोई जा के जहाँ से आता नहीं उस देस न जाओ इंशा-जी
क़तील शिफ़ाई
ग़ज़ल
मेहनत कर के हम तो आख़िर भूके भी सो जाएँगे
या मौला तू बरकत रखना बच्चों की गुड़-धानी में
विलास पंडित मुसाफ़िर
ग़ज़ल
काली घटाएँ बाग़ में झूले धानी दुपट्टे लट झटकाए
मुझ पे ये क़दग़न आप न आएँ उफ़ री जवानी हाए ज़माने
शाद अज़ीमाबादी
ग़ज़ल
इब्न-ए-इंशा
ग़ज़ल
मुझ को रोने से मिले फ़ुर्सत तो फिर ढूँडूँ उसे
हँस रहा है कौन क़िस्मत का धनी तेरे बग़ैर
मंज़र लखनवी
ग़ज़ल
मोहब्बत बा'इस-ए-ना-मेहरबानी होती जाती है
हमारी सारी मेहनत धूल-धानी होती जाती है
मुज़्तर ख़ैराबादी
ग़ज़ल
धानी सुरमई सब्ज़ गुलाबी जैसे माँ का आँचल शाम
कैसे कैसे रंग दिखाए रोज़ लबालब छागल शाम
बद्र वास्ती
ग़ज़ल
लगते होंगे पुर-कशिश अर्ज़-ओ-समा मिलते हुए
नीले कुर्ते पर तिरे ये शाल धानी और है