आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "do-ik"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "do-ik"
ग़ज़ल
इक-बटा-दो को करूँ क्यूँ न रक़म दो-बटा-चार
इस ग़ज़ल पर है क़वाफ़ी का करम दो-बटा-चार
वक़ार हिल्म सय्यद नगलवी
ग़ज़ल
दो इक बे-रंग आँसू हैं दो इक बे-रब्त बातें हैं
न रूदाद अपनी तूलानी न अफ़्साना दराज़ अपना