आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "filter"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "filter"
ग़ज़ल
सिगरेट मुँह में उल्टी रख कर फिल्टर को सुलगाता है
'पागल' तू है पूरा पगला ये मालूम न वो मालूम
पागल आदिलाबादी
ग़ज़ल
अब वो फिरते हैं इसी शहर में तन्हा लिए दिल को
इक ज़माने में मिज़ाज उन का सर-ए-अर्श-ए-बरीं था