आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gaz"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "gaz"
ग़ज़ल
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
नश्शा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें
अहमद फ़राज़
ग़ज़ल
इक यही ग़म खाए जाता है कि उस का होगा क्या
कौन रक्खेगा मिरा हुस्न-ए-यक़ीं मरने के बाद
गणेश बिहारी तर्ज़
ग़ज़ल
सारी उम्र गँवा दी 'क़ैसर' दो गज़ मिट्टी हाथ लगी
कितनी महँगी चीज़ थी दुनिया कितनी सस्ती छोड़ चले
क़ैसर-उल जाफ़री
ग़ज़ल
तिरे उस ख़ाक उड़ाने की धमक से ऐ मरी वहशत
कलेजा रेग-ए-सहरा का भी दस दस गज़ थिलक्ता था
मीर तक़ी मीर
ग़ज़ल
दिल में जो कभू जोश-ए-ग़म उठता है तो ता-देर
आँखों से चली जाती हैं दरिया की सी धारें