आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ghus"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "ghus"
ग़ज़ल
अन-पढ़ आँधी घुस पड़ती है तोड़ के फाटक महलों के
''अंदर आना मनअ है'' लिख कर लटकाने से हासिल क्या
परवेज़ शाहिदी
ग़ज़ल
न जाने किस तरह बिस्तर में घुस कर बैठ जाती हैं
वो आवाज़ें जिन्हें हम रोज़ बाहर छोड़ आते हैं
ग़ज़नफ़र
ग़ज़ल
दनदनाते फिर रहे हैं ज़ाफ़रानी भेड़िये
घर के अंदर घुस के बच्चों को उठा ले जाएँगे