आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "gul-vale"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "gul-vale"
ग़ज़ल
तुम्हारे वा'दे होते हैं सियासत-दानों वाले 'गुल'
हक़ीक़त जिन में थोड़ी और लारा काफ़ी होता है
गुल फ़राज़
ग़ज़ल
बुलबुल हैं तेरे हम भी बाग़-ए-जहाँ के अंदर
ओ गुल से गाल वाले सुम्बुल से बाल वाले
मिर्ज़ा मासिता बेग मुंतही
ग़ज़ल
जफ़ा-ओ-जौर-ए-गुल-चीं से चमन मातम-कदा सा है
फड़कते हैं क़फ़स की तरह आज़ादी में पर वाले
साइल देहलवी
ग़ज़ल
हम हैं टूटी हुई इक शाख़-ए-गुल-ए-ज़र्द मगर
हम को गुल-दान में रक्खेंगे ज़माने वाले
शहनाज़ परवीन सहर
ग़ज़ल
ये मिरे उर्स की शब है कि उरूसी की है रात
हैं हसीनान-ए-गुल-ए-अंदाम ज़ियारत वाले
शाह अकबर दानापुरी
ग़ज़ल
ज़ेर-ए-पा दिल ही बिछे हों कि हैं ख़ूगर उस के
फ़र्श-ए-गुल पर भी नहीं पावँ वो धरने वाले